इश्क़ में कोई इंसान सबकुछ बनने की कोशिश करता है , वो भी जो वो होता ही नहीं । उनमें से ही कुछ ख्वाहिशों में लिखी Hindi Shayari/Hindi Love Shayari/Hindi Poetry 'Khamoshi Ka Alfaaz' (खामोशी का अल्फाज) मेरे शब्दों में। कई Hindi Shayari को मिलाकर Hindi Poetry/Hindi Kavita बनाया है। इसे लिखा है Deepak Pandey 'Alfaaz' नें।
खामोशी का अल्फाज
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Khamoshi Ka Alfaaz By Deepak Pandey 'Alfaaz' |
निगाहें झुका के मुझ पर,
बिजलियां गिराने वाले,
मैं तेरी निगाहों का,
आखिरी ख्वाब बनना चाहता हूं,
हैं कई एहसास तेरे दिल में,
ऐ मेरी परी,
मैं तेरे दिल का,
आखिरी एहसास बनना चाहता हूं,
जो कर देती है सरेआम,
आशिकों का कत्ल,
मैं वो अनकही,
मुस्कान बनना चाहता हूँ,
रहने के लिए ये सारा जहां,
बहुत छोटा है,
मैं तेरे दिल की दहलीज में,
ठहरना चाहता हूं,
तेरे होठों से टपकता पानी भी,
शराब मालूम होता है,
जो इस शराब को भर सके,
मैं वह पैमाना बनना चाहता हूँ,
सब खत्म हो जाता है,
बहते पानी के साथ यहां,
जो कभी खत्म ना हो,
ऐसी मोहब्बत बनना चाहता हूं,
है अनकहा बहुत कुछ,
तेरे और मेरे बीच,
मैं तेरी खामोशी का,
अल्फाज बनना चाहता हूं,
मैं तेरे लायक नहीं फिर भी,
तू मेरे वजूद की हद है,
हकीकत नहीं ख्वाब ही सही,
मैं तेरी आशिकी बनना चाहता हूं,