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Saturday, May 16, 2020

Mera Khwab

इश्क़ हम करते रहे, बस इज़हार में झिझक गए और हक़ीक़त कुछ और हो गई। Depak Pandey 'Alfaaz' के अल्फ़ाज़ों में अनकही बात Mera Khwab (मेरा ख़्वाब) Hindi Shayari/Poetry के रूप में। 

मेरा ख़्वाब 

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Mera Khwab By Deepak Pandey Alfaaz
उसकी आँखों की गहराइयों में,
मैं उतरता चला गया,

उसकी हर एक बात पर,
मैं यकीन करता चला गया,

जज़्बात-ए-इश्क़ बयां करना चाहा,
पर कर ना सका,

और मेरा ख़्वाब,
किसी और के लिए हक़ीक़त बनता चला गया,