कुछ जज़्बात, शब्द ही समझा और कह सकते हैं। ऐसे जज़्बातों को Hindi Shayari/Hindi Poetry के शीर्षक Ankahe Jajbaat Ep-3 में पिरोया है Deepak Pandey 'Alfaaz' नें ।
Ankahe Jajbaat Ep-3
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Ankahe Jajbaat Ep-3 By Deepak Pandey Alfaaz |
(1) जिन्दगी में मैंने एक गलती कर दी,
आपनी तक़दीर में जगह दे दी,
भरे बाजार उसने,
रुसवा कर दिया मेरी मोहब्बत को,
और बदले में मैंने नाम उसके,
अपनी हर खुशी हर दुआ कर दी,
(2) जिंदगी से यूँ,
खफा ना हो ऐ हमनवा,
जिंदगी तो हर बार,
इम्तिहान लेती है,
थोड़ा सब्र और खुद पे,
यकीन रख तू,
फिर देख जिंदगी से जीतने में,
कितना मजा आता है,
(3) ये वक्त और यह मौसम गुजरते गए,
हम यूं ही इन ग़ुमनाम राहों पे चलते गए,
हम तो उनका इंतजार करते रहे ताउम्र,
और वह किसी और की जिंदगी को गुलजार करते रहे,
(4) मुझे मुट्ठी में कैद करना,
तेरे बस की बात नहीं,
मैं तो वो जलता हुआ दीपक हूँ,
के जिधर जाऊं,
रोशन फ़िजा हो जाए,
(5) आज फिर तुझपे प्यार आया है,
तेरे हर वादे पे ऐतबार आया है,
तेरी मोहब्बत का सिला,
कुछ यूँ मिला मुझे,
न जाने कितने दफे टूट कर बिखरा हूँ मैं,
न जाने कितना दर्द पाया है,