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Monday, July 6, 2020

Subah

आख़िर रात अपनी होती है, कुछ भी सोचने, समझने और नया रास्ता खोजने के लिए और सपने देखने के लिए। Hindi Shayari/Poetry - Subah (सुबह) सपनों की दुनिया की बात Deepak Pandey 'Alfaaz' के साथ। 

सुबह

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Subah By Deepak Pandey Alfaaz
आज ख्वाबों में,
उनसे मुलतक़ात हो गई,
देखते ही देखते,
बातें दो-चार हो गईं,

हमने भी उनसे,
इकरार-ए-दिल कर डाला,
अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने को,
उनके लिए उलट डाला,

दरवाजे पर दस्तक हुई तो पता चला,
कि नींद में थे,
और हक़ीक़त में,
सुबह हो गई,