Shayari. Kavita. Thoughts. Feelings.

Saturday, March 21, 2020

Ankahe Jajbaat Ep-2

कुछ ऐसे अनकहे जज़्बात, जो हम समझा नहीं पते या शायद जिसे समझना है, वो समझना नहीं चाहता या शायद हम ऐसा समझ लेते हैं की वो सब समझ गया है। उन्हीं समझ से भरे जज़्बातों को Hindi Shayari/Hindi Poetry के शीर्षक Ankahe Jajbaat Ep-2 में पिरोया है  Deepak Pandey 'Alfaaz' नें ।

Ankahe Jajbaat Ep-2

(1) हर घड़ी सोचते तो आज भी,
मगर तुम्हें बताते नहीं,
बहुत खुश हो हमारे बगैर,
सो तुम्हें सताते नहीं,
तुमने दिल कहके,
आख़िर चेहरा देखा हमारा,
रात नें सिसकियों को साथ कर लिया है,
क्योंकि रात अब तुम्हारे साथ नहीं,
Hindi Shayari/Hindi Poetry Ankahe Jajbaat , Hindi Shayari/Hindi Poetry Ankahe Jajbaat by Deepak PandeyAlfaaz
Ankahe Jajbaat By Deepak Pandey Alfaaz
(2) अपनी तमाम ख्वाहिशे,
मेरे नाम कि तुमने,
अपनी रूह का,
हर कोना मुझे दिया,
हर कदम साथ चलने का ख्वाब दिखाने वाले,
आखिर मेरा जुर्म था क्या,
एक पल में अपना से,
अजनबी कह मुझे दिया,

(3) माना इस दुनिया की भीड़ में,
एक खास दिल अपना होना चाहिए,
पर हकीकत का कारवां कहता है,
एक ख्वाब,
तनहा ख्वाब रहना चाहिए,

(4) मुझे जैसा चाहा है,
वैसा ही रहने दें,
अपनी आंखों में भरले,
कभी न बहने दे,
पिघल जाएंगे सारे शिकवे,
अपनी मोहब्बत की तपिश में,
बस मेरी मोहब्बत को तेरी मोहब्बत को,
हमारी बाहों में भरने दे,