कुछ लोगों का इश्क़ बस अनछुआ इश्क़ ही रह जाता है। उनके दिल के किस एक कोने में वो इश्क़ ताउम्र ज़िंदा रहता है। मैंने उन अनछुये पहलुओं को Hindi Shayari/Hindi Love Shayari में अपने शब्दों का रूप दिया है। कई Hindi Shayari को मिलाकर एक Hindi Poetry/Hindi Kavita बनाई है। इस Hindi Poetry/Hindi Kavita का शीर्षक है Sirfira और इसे लिखा है Deepak Pandey 'Alfaaz' नें।
सिरफ़िरा
तेरी ख़्वाहिश भी है ,
तेरा इंतजार भी है मुझे ,
ये बात सिर्फ तुमसे,
कहनी बाकी है,
बनके आरजू तू साथ है ,
मंजिल सामने है सिर्फ तेरा,
साथ चलना बाकी है,
अपनी मोहब्बत का रंग,
फैला दें मेरे जिस्म -ओ - रूह पर,
तुझे जी भर के देखने की तड़प,
निगाहों में बाकी है,
छेड़ दे मेरे बालों को,
अपने हाथों से एक दफा,
तेरी गोद में रखके सिर,
सोना बाकी है,
लबों की इस प्यास को,
सागर की आस नहीं,
मेरे मेहबूब तेरे नशे में,
डूब जाना बाकी है,
ऐ रात तू ठहर जा,
पहर भर के लिए,
उसका मेरे ख्वाबों से,
जाना बाकी है,
जाने क्यों रूठ जाता है मुझसे,
यू बातों ही बातों में,
खता नहीं मेरी कोई फिर भी,
तुझे मनाना बाकी है,
तेरी बेरुखी से,
तकलीफ होती है बहुत,
शायद मेरी मोहब्बत का,
और इम्तिहान बाकी है,
भूल सकता हूं सब कुछ लेकिन,
तुझे भूलने का खयाल भी गुनाह है,
यादों से लिपटी हुई मेरे पास,
तेरी निशानी बाकी है,
मैं तनहाई में अक्सर,
गजल बना के तुझे सुरों से सजा दूं,
ऐसी ग़ज़ल अभी लिखनी बाकी है,
मैं सिरफिरा हूँ,
मेरी बातों को कौन समझेगा,
सबने पढ़ ली है मेरी जज्बात - ए - किताब,
सिर्फ तेरा पढ़ना बाकी है,
हूँ आख़िरी सफर में मैं,
पर आज भी तेरी तलाश है,
सुपुर्द - ए - ख़ाक हो जाऊंगा चंद लम्हों में,
अब तो सांसे भी किश्तों में बाकी है,