एक दोस्त ही तो है, जो हमें हमसे मिलाता है। Deepak Pandey 'Alfaaz' के शब्दों में एक दोस्त के नाम Hindi Poetry/Hindi Shayari - Dost (दोस्त)।
दोस्त
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Dost By Deepak Pandey Alfaaz |
वो हमें देखकर मुस्कुराने लगे,
जाने क्या बात थी जो छुपाने लगे,
आंखों ही आंखों में वो कुछ कह गए,
हम भी नादान थे उन्हें ही देखते रह गए,
बाद जाने के उनके,
कुछ शोर सा मालूम हुआ,
दोस्त हमें आशिक कह कर बुलाने लगे,
फिर उनसे एक दिन वही मुलाकात हो गई,
देखते ही आंखें उनकी,
डर और मायूसी से भर गई,
माथे का सिंदूर दिखाकर कहने लगे,
हम तो किसी और के हो गए,
इतने में कुछ शोर हुआ,
मैं दोस्तों के बीच खड़ा मिला,
दूसरी तरफ इशारा करके कहने लगे,
जो चला गया उसे जाने दे,
दिल का दरवाजा खोल,
फिर किसी को आने दे,
बाद कुछ देर के,
नकाब में एक और नजर आने लगे,
हमें देखते ही,
रुख से पर्दा हटाने लगे,
हम भी सब कुछ भूल कर,
उनसे नजरें मिलाने लगे,