कई बार ऐसी परिस्थितियाँ हमारे सामने खड़ी हो जाती हैं , जो हमें तोड़ने की पूरी कोशिश करती हैं और तब एक सहयोग चाहे वो किसी भी तरह का हो , हमें नयी दिशा देता है। पढ़िए Hindi Shayari/Hindi Poetry/Urdu Shayari जिसका शीर्षक है Har Roj Mere Seene Meinऔर फिर एक नयी शुरुआत कीजिये। इसे लिखा है Deepak Pandey 'Alfaaz' नें लिखा है।
हर रोज मेरे सीने में
उगते हुए सूरज की बाहों में,
ढलते हुए सूरज की पनाहों में,
कुछ अरमान मचलते हैं,
मेरे इरादों में जान भरते हैं,
हर रोज मेरे सीने में,
कई ख्वाब पलते हैं,
नया पैगाम लाती है,
हर बार असफलता मुझे,
सफलता की नई राह दिखाती है,
कुछ लोग जिंदगी में,
मिसाल बनते हैं,
मंजिल को पाने के,
नए रास्तों को ईजाद करते हैं,
हर रोज मेरे सीने में,
कई ख्वाब पलते हैं,
हंसते हैं हंसने वाले मुझ पर,
कुछ नहीं कर सकता मैं कसते हैं तंज मुझ पर,
जरा गौर से देखो,
सारे मौसम बदलते हैं,
ये मेरे हुक्म की,
तामील करते हैं,
ठोकरों में है मेरी ये जमाना,
हम फिर भी मुस्कुराते रहते हैं,
हर रोज मेरे सीने में,
कई ख़्वाब पलते हैं,
मुश्किल है मुकाम को पाना बेशक,
पर नामुमकिन नहीं,
मिटा सके मेरे निशान,
किसी सैलाब में ताकत नहीं,
रोशनी की खातिर सारी रात,
दीपक जलते हैं,
लोगों के दिलों पर,
हम अपना नाम लिखते हैं,
हर रोज मेरे सीने में,
कई ख़्वाब पलते हैं,