Shayari. Kavita. Thoughts. Feelings.

Thursday, April 2, 2020

Corona

Corona पर एक Comic Love Hindi Poetry/Poem, जिसका उद्देश्य केवल मनोरंजन है। इसे Deepak Pandey 'Alfaaz' नें लिखा है। 

Corona

Corona-Comic Love Hindi Poetry/Poem By Deepak Pandey Alfaaz
बेफिक्र मिला करते थे,
    चाहने वाले;
Callory Burn करते थे पार्कों में,
    होठों में होंठ डाले;
Extra Class Group Study शाम को टहलना,
    School College Coaching बंद;
बहानों की बत्ती नाक मुंह में,
    डालके रख दी है;
घर को जेल बना दिया है,
    इस Corona नें;

मम्मी Kitchen में पापा TV में,
     भाई रिश्तेदार कमरों के इर्द-गिर्द;
Store Room में धूल कबाड़;
     छत Gallery कोने में जाना सिर दर्द;
एक दूजे की फोटो देखें,
     हाथ धोएं Mobile पोंछें;
लग गई है पाबंदी करने में,
     Video Call fb what's app पे Chat;
दो Strwa से एक कॉफी पीने के सपने पर छींक दिया है,
    इस Corona नें;

सोना को सोने में समस्या,
    बाबू अपने बापू के साथ है;
Singles को ज्ञान बांटने वाले,
    Singles जैसा रहने में परेशान है;
अब थाना नहीं खाना खा रहे हैं,
    Hashtag Feeling Happy नहीं सड़ा Face बना रहे हैं;
चाट फुल्की आइसक्रीम दुकान की रौनक,
     एकांत की तलाश में फेरे लगा रहे हैं;
2100 के चढ़ावे की मांग रख दी है शायद,
     इस को Corona नें;

चल बैठ सामने,
    थोड़ी Setting कर लेते हैं;
चल Corona तुझे तेरी कोरोनी के,
    घर की टिकट दे देते हैं;
कब तक सुने केजरी की खांसी,
    Dial Tune Caller Tune में,
अब रास्ता नाप और ना डरा,
    क्योंकि डर के आगे बाबू सोना हैं;
पहली फुर्सत में सामान बांध लिया है,
    इस Corona नें;