कुछ उम्मीदें मोहब्बत में मोहब्बत से। क्या हो कैसी हो और हमेशा हो। सज रही चाँदनी रात भर (Saj Rahi Chandani Raat Bhar) एक ऐसी ही Hindi Shayari/Poetry जिसे Deepak Pandey 'Alfaaz' ने लिखा है।
सज रही चांदनी रात भर
Saj Rahi Chandani Raat Bhar By Deepak Panddey Alfaaz |
सज रही चांदनी रात भर,
चांद उसको निहारे हुए,
काश ऐसी हवा प्यार की,
आज धरती पे चल जाए,
ख्वाबों का तो ठिकाना है दिल,
इसमें रहता है तू हर पल,
सब मचलते हैं फूलों पे,
कोई भंवरे पे मर जाए,
आईने में मैं ही मैं हूं,
खुद में बाकी नहीं लेकिन,
बनके मेरी लकीरें तू,
मेरे हाथों में बस जाए,
देख कर उसकी मैं सादगी,
दिल उसे अपना दे बैठा,
यार समझे इशारा मेरा,
मुझको बाहों में भर जाए,
धूप है छांव है तू मेरा,
तुझको साया मैं अपना कहूं,
रखदे कांधे पे सर अपना,
जिंदगी ये संवर जाए,
बादलों की तो साजिश है ये,
आज हमको ये जी भर भिगाएं,
बनके आंचल मेरे प्यार का,
जाके तुझसे लिपट जाएं,
हो मोहब्बत में इतनी तपिश,
देख सूरज भी शर्माए,
एक कहानी तेरी और मेरी,
गूंजे सारी की सारी दिशाएं,
जिंदगी दी है मुझको खुदा ने,
तुझको सांसे मैं अपनी बनाऊं,
प्यार तेरा मेरे जीने की,
एक वजह यार हो जाए,
ये समंदर है ठहरा हुआ,
ये नदी भी है कुछ कह रही,
मैं हूं शब्दों का एक टुकड़ा,
तू मुझे दास्तां एक बनाए