Nida Fazli (निदा फ़ाज़ली) एक ऐसे शायर, जिन्होंने बहुत ही सरल मिज़ाज़ी के साथ अपनी हर एक रचना में जान डाल दी और लोगों को अपना मुरीद बना लिया। उनकी बेहद ख़ूबसूरत एक Ghazal/Poetry/Shayari, Benaam Sa Ye Dard Tahar Kyon Nahi Jata (बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता) आपके साथ मैं साझा कर रहा हूँ।
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता
Benaam Sa Ye Dard Tahar Kyon Nahi Jata By Nida Fazli |
बेनाम सा ये दर्द,
ठहर क्यों नहीं जाता,
जो बीत गया है,
वो गुज़र क्यों नहीं जाता,
सब कुछ तो है फ़िर,
क्या ढूँढ़ती रहती हैं निगाहें,
क्या बात है मैं वक़्त पे,
घर क्यों नहीं जाता
वो एक ही चेहरा,
तो नहीं सारे जहाँ में,
जो दूर है वो दिल से,
उतर क्यों नहीं जाता,
मैं अपनी ही उलझी हुई,
राहों का तमाशा,
जाते हैं जिधर सब,
मैं उधर क्यों नहीं जाता
वो ख़्वाब जो बरसों से,
न चेहरा है न बदन है,
वो ख़्वाब हवाओं में,
बिखर क्यों नहीं जाता,