अपने शब्दों से, अपने लहज़े से बड़ा संजीदगी से तहज़ीब हाफ़ी (Tahzeeb Hafi) अपनी बात कहते हैं। उनकी रचना, मोहब्बत मोहब्बत बड़ा जानते हो (Mohabbat Mohabbat Bada Jante Ho) आपके लिए।
Mohabbat Mohabbat Bada Jante Ho
Mohabbat Mohabbat Bada Jante Ho By Tazeeb Hafi |
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है,
मोहब्बत मोहब्बत बड़ा जानते हो,
तो फिर ये बताओ कि,
तुम उसकी आंखों के बारे में,
क्या जानते हो,
ये ज्योग्राफिया फ़लसफ़ा साइकोलाॅजी,
साइंस रियाज़ी वगैरह,
ये सब जानना भी अहम है,
मगर उसके घर का पता जानते हो,
Meaning
दस्तरस - पहुँच
रियाज़ी - गणित की विद्या